गर्म चाची की जवानी का नजारा

हॉट चाची की चुदाई कहानी में मैंने कहीं दूर के रिश्ते में लगी चाची को चोद दिया. मैंने कुछ दिन के लिए उनके घर रहने गया था. एक दिन मैंने उन्हें अधनंगी देख लिया था.

दोस्तो, मेरा नाम विकास रावल है. मेरी उम्र 23 साल है और मैं राजस्थान का हूं.

हिंदी सेक्स कहानी की वैश्विक साईट अन्तर्वासना पर कई गर्म कहानी पढ़ने के बाद मुझे लगा कि मैं भी अपनी स्टोरी आप सभी के साथ साझा करूं.

पहले मैं यह बता दूं कि मैं 6 फीट का हूं और मेरा लंड भी 6 इंच का है.
मुझे सेक्स करना बहुत ज्यादा पसंद है.

यह हॉट चाची की चुदाई कहानी उन दिनों की है जब मुझे नौकरी के सिलसिले में गुजरात जाना था और वहां के एक शहर में अपनी जॉब जॉइन करना था.

वहां हमारे एक दूर के रिश्तेदार महेश चाचा पहले से रहते थे. मैंने उनकी पहचान से वहां उनके पास में एक कमरा किराये पर ले लिया और वहां जॉब चालू कर दी.

मेरे चाचा के घर में तीन लोग रहते थे; महेश चाचा, सुमन चाची और उनका चार साल का बच्चा.

चाचा एक कंपनी में जॉब करते थे.
उनकी जॉब रात दिन की शिफ्ट में बदलती रहती थी.

मैं जब पहली बार महेश चाचा के घर पहुंचा तो मैंने उनकी पत्नी सुमन को देखा. चाची बहुत खूबसूरत लग रही थीं.
उनके बूब्स की साइज 30 इंच करीब की थी.
मैं मंत्रमुग्ध होकर चाची को देखता ही रहा.
हालांकि तब मेरे मन में ऐसा कोई इरादा नहीं था.

पहले तो दो तीन दिन तक मैं चाचा के घर पर ही रुका, तो चाची से अच्छी पहचान हो गई. मज़ाक मस्ती और रोज बात करना होता रहता था.

चाची का फिगर 30-28-32 का था. उनके मदमस्त यौवन को देखकर तो किसी का भी लंड खड़ा हो सकता था और उनको चोदने का मन करने लग जाए.

मैं रोज सुबह नौ बजे अपनी जॉब जाने लगा था. काम से शाम 7 बजे वापस आता था.

करीब दो महीने बाद एक बार मैंने तीन दिन की छुट्टी ली थी.
उन तीन दिन की छुट्टी में एक दिन मैं चाचा के घर उनका सामान देने गया था.

चाचा ने बाजार से सामान खरीद कर मेरे हाथ से घर के लिए भिजवाया था तो मैं सामान देने उनके घर गया था.
उस वक्त घर का दरवाज़ा खुला था.

जब सामान लेकर मैं चाची को देने उनके रूम में जा रहा था और रूम का दरवाज़ा खोला, तो चाची नहा कर कपड़े बदल रही थीं.

उस वक्त मैंने चाची को पेटीकोट में देखा था. वो ऊपर से नंगी थीं और ब्रा पहन रही थीं.

मैंने उन्हें देख लिया, चाची ने भी मुझे देख लिया.
मैं दरवाजा बंद करके कमरे के बाहर बैठ गया.

कुछ देर बाद जब चाची कपड़े पहन कर बाहर आईं, तो मुझे शर्म आ रही थी.

चाची ने मुझे बैठने को बोला और मेरे लिए चाय बनाने चली गईं.

उस दिन चाय पीकर मैं अपने रूम पर आ गया लेकिन मुझे तो चाची का वो सीन देखकर कुछ समझ नहीं आ रहा था कि क्या करूं.

तब उस वक्त पहली बार चाची के लिए मेरे मन में गंदा खयाल आया था.
मुझे अब चाची को चोदने की इच्छा हो गई थी.

मेरा हाथ खुद ब खुद अपने लंड पर आ गया और उसी वक्त मैंने चाची को याद करके अपने लंड की मुठ भी मारी.

उस वक्त तो लंड ढीला हो गया और मुझे कुछ राहत मिल गई.
लेकिन उसके बाद मुझे चाची की चूत चोदने की और इच्छा बढ़ गई.

अब मैं चाची को पटाने का प्लान बनाने लगा.

एक बार चाची, चाचा और मैं … हम सब बैठ कर रात को बातें कर रहे थे.
तो बातों बातों में चाची ने बोल दिया- विकास तुम शादी कब करोगे?
मैंने भी मजाक में हंस कर बोल दिया- आप जैसी बीवी मिल जाए तब!
इस पर चाची हंसने लगीं.

दूसरे दिन मेरी जॉब से छुट्टी थी, मैं कमरे में सो रहा था.

उसी समय अचानक से चाची मेरे कमरे में आ गईं.
उनको बाजार से कुछ सामान मंगवाना था.
मैं सिर्फ अंडरवियर पहनकर ही सोया था.

कमरे में आते ही चाची ने चादर खींच दी और मुझे जगाने के लिए आवाज देती हुई आगे को बढ़ीं.
चाची की आवाज सुनकर मैं जाग गया.

उस वक्त मेरा खड़ा हुआ लौड़ा उन्होंने भी देख लिया.
इस बार तो मैं भी मौका देख रहा था.
मैंने खड़े होकर लुंगी बांध ली.
तब भी वो वहीं खड़ी थीं.

मैंने कहा- क्या हुआ?
चाची ने कहा- बाजार से कुछ सामान लाना है.

मैंने कहा- ठीक है. मैं नहा कर जाता हूँ.
चाची लिस्ट पकड़ा कर चली गईं.

फिर मैं नहा कर बाजार चला गया और उधर से सामान लेकर चाची के घर गया.

चाचा काम पर गए थे और उनका बेटा सो रहा था.

चाची ने मुझे बैठने को बोला.
मैं वहीं बैठ गया.

उस वक्त चाची ने प्लाजो सलवार पहन रखी थी और वो कचरा निकाल रही थीं.
वो कचरा निकालते वक्त बार बार झुक रही थीं, तब चाची के बूब्स साफ दिख रहे थे.
उन्होंने कुर्ते के नीचे ब्रा नहीं पहनी थी.

वो मुझे देख कर पता नहीं क्यों बार बार हंस रही थीं.
तब मुझे कुछ कुछ समझ आ गया कि चाची क्या चाहती हैं.

जब चाची किचन में चाय बनाने गईं, तो मैं उनके पीछे आ गया.
अन्दर जाकर मैंने सोचा था कि चाची को पकड़ लूंगा मगर मेरी चाची को पकड़ने में डर लगा और मैं पानी पीकर वापिस आ गया.

चाची चाय बनाकर लाईं तो उन्होंने झुक कर टेबल पर चाय रखी.
मेरी नजरें वापस उनके मम्मों पर चली गई.
हम दोनों बैठ कर चाय पीने लगे.

चाची ने मुझसे पूछा- क्या बात है … कुछ टेंशन है?
मैंने कहा- नहीं.

उसी समय अचानक से चाची की चाय का कप गिर गया और उनकी जांघ पर गर्म चाय गिरी.
मैंने चाची को जल्दी से पकड़ कर उठाया और उनके रूम में ले आया.

वो कराहती हुई बोलीं- टेबल से क्रीम ले आओ.
मैं क्रीम ले आया.

चाची ने कहा- तुम लगा दोगे?
मैंने कहा- हां क्यों नहीं.

मैंने उनकी प्लाजो सलवार को थोड़ा ऊपर किया और हल्के हाथों से लगाना शुरू कर दिया.
वो बोल रही थीं- थोड़ा ऊपर को लगाओ.

मैं ऊपर लगाता गया.
वो कहने लगीं कि तुम समझ नहीं रहे हो … मैं जांघ के ऊपर जली हूँ. बड़ी जलन हो रही है.
मैंने कहा- उधर कैसे करूं?
चाची- रुको, मैं प्लाजो नीचे कर देती हूँ.

अगले ही पल चाची ने अपनी प्लाजो नीचे को सरका दी.
मैं चाची की फूली हुई चूत देख कर सनाका खा गया.

वो मुझे देख कर स्माइल कर रही थीं.
मैंने भी हिम्मत की और सीधा उनके मम्मों पर एक हाथ रख दिया.

उन्होंने झट से मेरा हाथ दबा दिया.
उस वक्त मुझे तो जैसे जन्नत मिल गई थी.
मैंने धीरे धीरे दबाना शुरू कर दिया.

वो बोलीं- दोनों को दबाओ.
मैं सीधा चाची के ऊपर चढ़ गया और उनके होंठों को चूसने लगा.
उन्होंने भी मुझे कसके पकड़ लिया.

मैं लगातार चाची को चूमता रहा.
वो बोलीं- मैं कबसे तुझसे चुदना चाहती थी, लेकिन मैं कैसे कहूं … समझ में नहीं आ रहा था. आज तुम मुझे पूरी तरह से संतुष्ट कर दो. तेरे चाचा तो हफ्ते दो हफ्ते में ही चोदते हैं और उसमें भी मुझे मजा नहीं दे पाते हैं.

चाची के मुँह से ऐसी बातें सुनकर मेरा जोश और ज्यादा बढ़ गया.
अब मैं चाची के गले को और होंठों चाटता और चूमता रहा.
वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थीं.

मुझे मस्त मज़ा आने लगा था.
मैंने चाची की आंखों में देखा तो उनकी चुदास देख कर मुझसे रहा नहीं गया.

मैं उनके ऊपर से हट कर उनको खड़ा कर दिया और दीवार से टिका दिया.
कुर्ती के ऊपर से मैं उनके मम्मों को किस करने लगा तो वो पागल सी होने लगीं.

अब चाची कहने लगीं- ऊपर से क्यों कर रहा है, कपड़े निकाल कर चूसो.

जैसे ही मैं उनकी कुर्ती को उतारने जा रहा था कि उनका बेटा उठ गया और चाची को आवाज देने लगा.
मैंने चाची को छोड़ दिया, वो जल्दी से रूम के बाहर चली गईं.

अपनी चाची को चोदने की मेरी वासना और बढ़ गई थी मगर फिलहाल कुछ नहीं किया जा सकता था.

मैं वहां से चला आया और अपने रूम पर आकर मुठ मारी, तब जाकर चैन मिला.
करीब दो घंटे बाद चाची का फोन आया तो मैंने उन्हें अपने रूम पर आने को बोला.

उन्होंने कहा- इधर रवि अकेला है.
मैंने कहा- ये तो दिक्कत है. उधर रवि कुछ करने नहीं देगा.

उन्होंने मुझसे कहा- तुम्हारे चाचा की दो दिन बाद नाइट शिफ्ट आएगी, तो उस वक्त तुम आ जाना.
मैंने हामी भर दी.

जैसे-तैसे करके मैंने दो दिन काट लिए.
इन दो दिनों में मेरा मन सिर्फ चाची को चोदने का ही करता रहा.

फिर वो घड़ी आखिर आ ही गई.
उस रात चाचा नाइट शिफ्ट में अपनी नौकरी पर चले गए.

घर पर चाची और उनका बेटा रवि वहीं थे.
चाचा के जाने के बाद तुरत मैंने चाची को फोन किया तो उन्होंने कहा- मैं रवि को सुला कर तुम्हें कॉल करती हूं.
मैंने कहा- ठीक है.

तब तक मैं बैठा रहा और चाची के फोन का इंतज़ार करने लगा.
करीब दस बजे चाची का फोन आया.

मैं फटाफट तैयार होकर चाची के घर निकल गया और जाकर दरवाजा खटखटाया तो चाची ने दरवाजा खोल दिया.

जैसे ही चाची ने दरवाज़ा खोला, मैं उन्हें देखता ही रह गया क्योंकि उस वक्त चाची ने एक शॉर्ट स्कर्ट और टी-शर्ट पहनी हुई थी जिसमें से उनके भरे हुए दूध बाहर निकलने को तड़पते दिख रहे थे.

उन्होंने मादक अंदाज में कहा- अन्दर नहीं आना क्या?
मैंने कहा- चाची क्या क़यामत लग रही हो.
चाची हंस पड़ीं.

जैसे ही मैं अन्दर आया, चाची ने दरवाज़ा बन्द कर दिया.
उसी वक्त मैंने पलट कर उन्हें पीछे से जोर से पकड़ लिया और उनके गले को चूमने लगा.

वो मेरे हाथों में हाथ लगा कर बोलीं- इतनी जल्दी क्या है राजा … आज तो पूरी रात पड़ी है. मस्ती से सब करेंगे.
मैंने उन्हें छोड़ दिया.

कुछ देर हम दोनों वहां बैठ कर प्रेमालाप करने लगे.
मैं सोफे पर बैठा हुआ उन्हें अपनी गोद में बिठा कर प्यार कर रहा था, उनके बदन को सहला रहा था.
वो भी गर्म हो रही थीं.

मैंने कहा- यहीं कबड्डी खेलना है या अखाड़े में चलोगी?
वो हंस दीं और उन्होंने इशारा कर दिया कि कमरे में चलो.

मैंने उन्हें गोद में उठाया और उनके रूम में जाकर बेड पर लेटा दिया. मैं चाची के ऊपर चढ़ गया और उसके कोमल फूल जैसे होंठों को चूसने लगा.
वो भी मेरे बालों को सहला कर मज़े ले रही थीं.

धीरे धीरे मैं चाची के मम्मों को मसलने लगा तो उनके मुँह से आवाज़ आने लगी ‘आह्ह …’
मैंने कहा- क्या हुआ?
चाची ने कहा- कुछ नहीं. करते रहो.

मैं चाची के गले को चूमने लगा तो वो पागल सी होने लगीं.
वो भी मुझे पकड़ कर जोर जोर से चूम रही थीं.

उनकी बेताबी देख कर मुझे ऐसा लगा, जैसे चाची आज पहली बार सेक्स कर रही हों.

मैंने पूछा- चाचा से मज़ा नहीं आता क्या?
वो बोलीं- उसका नाम मत लो यार … वो तो सिर्फ पांच मिनट में झड़ जाता है. मेरे साथ कोई रोमांस भी नहीं करता, सीधा पेला और ढीला होकर मुझे छोड़ देता है. विकास आज तुम मुझे पूरी तरह से ठंडा कर दो … हचक कर चोद दो.

मैंने कहा- हां चाची, आज मैं आपकी चूत का सारा पानी निकाल कर ही छोड़ूंगा.
मैंने धीरे से चाची की टी-शर्ट उतार दी और जो नज़ारा देखा, वो आज भी मुझे भी याद है.

बिना ब्रा के इतने टाईट चूचे मैंने पहली बार देखे थे. मैं तो चाची के मम्मे देखता ही रह गया.

मैंने चाची के चूचों को दबाना शुरू कर दिया.
चाची के मुँह से ‘आह्ह ओह्हह उह ऊऊऊह्ह …’ की मादक आवाजें आने लगीं.
हॉट चाची की कामुक आवाजें मुझे और मादक बना रही थीं.

अब मैंने उनकी स्कर्ट उतार दी. वो मेरे सामने सिर्फ पैंटी में थीं.

मैंने भी अपने कपड़े उतार दिए और अंडरवियर में आ गया.
चाची भी मेरी चड्डी में तने हुए अजगर को वासना से देखने लगीं.

मैंने उनके मम्मों पर किस किया तो उन्होंने मेरा मुँह अपने मम्मों पर दबा दिया और मुँह से आह आह निकाल कर कहने लगीं- आंह उम्म विकास … चूसो इन्हें … पूरी ताकत से चूसो, बहुत दिन बाद कोई ऐसा प्यार करने वाला मिला है.

मैंने चाची के दोनों मम्मों को करीब दस मिनट तक चूसा और चूस चूस कर दूध लाल कर दिए.

इतनी देर मैं ही चाची झड़ गई थीं.
मैं नीचे को आ गया और चाची की जांघ पर चुम्बन करने लगा, मैं उनके पूरे बदन पर किस करने लगा.

वो फिर से गर्म हो गईं.

अब मैंने चाची की पैंटी और मेरा अंडरवियर उतार दिया. उन्हें उल्टा लेटा कर उनकी पूरी पीठ पर किस करने लगा. एक हाथ से चाची की चूत सहलाने लगा.

अब मैंने आगे आकर अपना लौड़ा उसके हाथ में दे दिया.
वो उसे आगे पीछे करने लगीं.

मैंने कहा- चूसो इसे.
पहले तो चाची ने मना कर दिया मगर जब मैंने कहा- लंड चूसो यार … आपको मस्त मज़ा आएगा.
वो मान गईं.

उन्होंने पहले लौड़े के टॉप पर किस किया और जीभ से लंड के छेद को कुरेदने लगीं.
मैंने अपने एक हाथ चाची के मुँह को पकड़ कर पूरा लंड मुँह में डाल दिया.

वो लंड बाहर निकालने की कोशिश कर रही थीं लेकिन मैंने उनके मुख को कसके पकड़ लिया था.

अब चाची खुद से लंड चूसने लगी थीं.
मुझे मजा आने लगा था. मैंने चाची के मुंह को चोद दिया था.

सच में क्या मस्त अनुभव था, पहली बार किसी ने मेरा लंड चूसा था. ऐसा लग रहा था, जैसे मुझे जन्नत मिल गई हो.

करीब पांच मिनट तक चाची ने लंड को जो चूसा था … आज भी मुझे याद है.

फिर मेरा रस निकलने वाला था तो मैंने उनके सर को कसके पकड़ लिया और मैं लंड उनके गले तक ठूंस कर उनके मुँह में ही झड़ गया.

वो छटपटाने लगीं लेकिन मैंने उन्हें नहीं छोड़ा. मेरा लंड खाली हो गया, तब मैंने उन्हें छोड़ा.
वो हौ हौ करती हुईं, सीधी बाथरूम में चली गईं और मुँह साफ करके आ गईं.

मुझे लगा कि चाची गुस्सा होंगी लेकिन वो मुस्कुरा रही थीं.
तो मैंने पूछा- कैसा स्वाद लगा?
वो आंख दबाती हुई दो उंगलियों के इशारे ‘बढ़िया था …’ कहने लगीं.

कुछ मिनट के बाद हम दोनों ने फिर से एक दूसरे को चूमना शुरू किया.
अब मुझे चाची की चूत चाटने का मन कर रहा था. मैंने उनकी टांगें चौड़ी कर दीं और चूत चाटना शुरू कर दिया.

वो जोर जोर से आवाज निकाल रही थीं- आह्ह ऊऊऊ विकास और चाटो … आंह चाट चाट कर लाल कर दो.
मैंने भी कहा- हां चाची आज तो आपकी चूत का सारा पानी निकाल दूंगा.

मैं दो तीन मिनट तक चाची की चूत का रस चाटता रहा, इससे वो एकदम से बेहाल हो गई थीं.

वो बोलने लगीं- विकास प्लीज़ अब डालो ना!
अब हॉट चाची चुदाई के लिए बेचैन थी, मैं भी देरी ना करते उनके होंठों को चूसने लगा, बूब्स को भी चूसा.
फिर चाची के चूतड़ों पर हाथ घुमाने लगा.

मैंने उंगली गांड के अन्दर डाली, तो वो चीख उठीं- आहह … किधर कर रहा है!
मैंने हंस कर कहा- करंट चैक कर रहा था.
वो बोलीं- साले उधर की सोचना भी मत.

फिर मैंने अपने लंड को चाची की चूत पर रगड़ा, जिससे उनकी वासना और बढ़ती जा रही थी.
मेरा लंड अब चाची की चूत में जाने को बेताब था.

मैंने उनकी चूत में धीरे से एक धक्का दिया तो मेरा लंड का टोपा उनकी चूत के अन्दर थोड़ा सा घुस गया.
वो चीख उठीं.

मैंने कहा- क्या हुआ? अभी तो पूरा गया ही नहीं!
वो बोलीं- तेरा बहुत बड़ा और मोटा है … धीरे धीरे से पेलो.

मैं उनके होंठों को चूसने लगा, वो सिसकारियां भरने लगीं और उसी वक्त मैंने दूसरा धक्का दे दिया.
इस बार मेरा आधा लंड चाची की चूत में घुस गया और उनके मुँह से तीव्र स्वर में आह निकल गई.

मैंने देर किए बिना एक और जोरदार धक्का दे दिया.
मेरा पूरा लंड चाची की चूत में घुस गया.

इस बार वो थोड़ी और जोर से चीख उठीं.
उनके पति के छोटे लंड से चाची की सही से चुदाई नहीं हुई थी.

मैंने अपना लम्बा मोटा लंड उनकी चूत में पेल दिया था जिससे उन्हें दर्द होने लगा था.
वो मुझे दूर करने लगीं पर मैंने उन्हें कसके जकड़ा हुआ था.

कुछ देर तक मैंने लंड उनकी चूत में पड़ा रहने दिया और उन्हें चूमता रहा.

अब वो भी मेरे बालों को सहलाने लगी थीं इससे साफ हो गया था कि चाची ने लंड लील लिया था और उनका दर्द खत्म हो गया था.

अब मैं कभी चाची के होंठों को, तो कभी चूचों को चूसने लगा.
वो मादक सिसकारियां भरने लगी थीं- आह विकास अब चोदो मुझे … मेरी चूत की आग को ठंडी कर दो.

मैंने भी धीरे धीरे धक्के लगाने शुरू कर दिए.
वो और कामुक सिसकारियां भरने लगीं- आह विकास और चोदो मुझे … ऊह्ह ऊऊह आह्ह विकास अन्दर तक पेल कर चोदो मुझे … जोर जोर से चोदो.

मैं भी अपने लंड से जोर जोर से धक्का देने लगा.
चाची भी उछल उछल कर चुदवाने लगीं.

करीब दस मिनट के लगातार धक्के पे धक्का लगाने के बाद वो मुझे जोर से दबाने लगीं.
मैं समझ गया कि चाची का लावा निकलने वाला है.

वो गर्म आहें भरने लगी थीं- आह आह आह आह मैं झड़ रही हूँ राजा … आह अन्दर तक पेलो.

उसी वक्त चाची ने अपना पानी छोड़ दिया और वो शांत होने लगीं.

पर मेरा अभी बाकी था तो मैं उनके झड़ने के दो मिनट तक धक्के देता गया.
इसके बाद मेरा भी पानी निकल गया और मैंने चाची की चूत में पानी छोड़ दिया.

चुदाई के बाद मैंने प्यार से उनके होंठों को चूसा, उन्होंने भी मुझे किस किया.

मैं उनके ऊपर से उतर गया और पूछा- कैसा लगा?
चाची ने हंस कर कहा- अच्छा लगा … विकास आज तुमने मुझे पूरी तरह से संतुष्ट कर दिया.

हम दोनों ने प्यार से किस किया और करीब एक घंटे तक नंगे पड़े रहे.

इसके बाद हमारी कामवासना फिर से जाग उठी और चाची ने कहा- विकास मेरा मन नहीं भरा है. मैं अभी और चुदाना चाहती हूं.
मैंने कहा- चाची, आज मैं भी पूरी रात आपको चोदना चाहता हूं.

हम दोनों एक दूसरे से फिर से लग गए और हमने एक और बार चुदाई की.
इस बार मैंने चाची को आधा घंटा तक चोदा.

उनकी चूत में दर्द होने लगा था, वो मुझसे झड़ने के लिए कहने लगीं.
मैंने कहा- ठीक है अब रहने देता हूँ. फिर कभी और करेंगे.

मैंने लंड चूत से निकाल लिया और चाची ने हाथ से लंड झड़ा दिया.

मैं जाने के लिए कहने लगा तो उन्होंने मुझे जाने नहीं दिया.
हम दोनों सो गए.

करीब तीन घंटा बाद चाची ने मुझे जगाया और हम दोनों एक बार फिर से लग गए.
मैं उन्हें चोद कर अपने रूम पर आ गया.

उसके बाद उन्हें जितनी बार मुझे मौका मिला, मैंने उन्हें चोद लिया.

एक बार मुझे चाची की गांड मारने की इच्छा हुई, पर वो मान नहीं रही थीं.

दोस्तो, आपको हॉट चाची की चुदाई कहानी पढ़ कर कैसा लगा?
मेरी चाची के साथ का प्यार ये किस्सा आपके कमेंट का इन्तजार करेगा. प्लीज़ मेल से जरूर बताना.
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