बारिश में रिसेप्शनिस्ट की चूत चुदाई का मजा- 2

Xxx पंजाबी लड़की की सेक्स कहानी में पढ़ें कि होटल की रिसेप्शनिस्ट को मैंने उसी के घर में बारिश में कैसे चोदा. मैंने उसकी गांड भी मारी.

दोस्तो, मैं समीर आपको अपनी चुदाई कहानी में एक बार फिर से बारिश में रिसेप्शनिस्ट की चूत चुदाई का मजा देने हाजिर हूँ.
कहानी के पहले भाग
बारिश में रिसेप्शनिस्ट के घर में
में अब तक आपने पढ़ा था कि सिमरन नाम की रिसेप्शनिस्ट मुझे अपने घर ले आई थी और हम दोनों चुदाई की मस्ती में डूबे हुए थे.

अब आगे Xxx पंजाबी लड़की की सेक्स कहानी:

सिमरन की चुसाई ने मेरे लौड़े को पूरा कड़क कर दिया था.
इधर मैंने उंगली निकाल कर उसकी चूत की फांकों को खोलकर अपनी जीभ को नुकीला करके उसकी चूत के अन्दर घुसा दी, साथ ही उंगली से उसकी क्लिट को रगड़ने लगा.

बस इस दोहरे प्रहार को उसके लिए सहन करना मुश्किल हो गया.
वो बोली- समीर अब नहीं रहा जाता, प्लीज मेरी चूत की आग को बुझाओ.

उसने मुझे सीधा लिटा दिया. मेरा लौड़ा आसमान की ओर देख रहा था.

लौड़े को ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ा.
सिमरन ने अपनी धधकती हुई भट्टी जैसी चूत को मेरे आसमान को ताक रहे लौड़े पर रख दिया.

जैसे ही उसने मेरे लौड़े पर अपनी चूत को रखा, मेरा लौड़ा उसकी टाइट चूत को चीरता हुआ अन्दर तक चला गया.
सिमरन को भी शायद इसका अंदाजा नहीं था कि मेरे लौड़े की मोटाई की वजह से लौड़ा उसकी चूत को ऐसे फाड़ता हुआ अन्दर तक जाएगा.

उसकी चूत की अन्दर की दीवारों में मेरा लौड़ा पूरा फंस गया था.
शायद उसकी बच्चेदानी तक पहुंच गया था क्योंकि मुझे लौड़े पर अन्दर कुछ ऐसा महसूस हुआ.

सिमरन पहले से चुदी हुई थी इसलिए मुझे लग रहा था कि वो आसानी से लौड़े को ले लेगी और उसकी गीली चूत से भी कोई परेशानी नहीं होगी.

लेकिन लौड़े के घुसते ही उसकी चीख ने मुझे भी डरा दिया.
मगर चुदाई कि चुल्ल होने पर लौड़े को चूत और चूत को लौड़ा ही दिखता है.
मैं भी बेपरवाह हो गया.

सिमरन भी थोड़ा सा रुककर धक्के लगाने लगी और वो अपनी स्पीड बढ़ाती जा रही थी.
थोड़ी देर लगातार धक्के लगाने के बाद ही सिमरन आवाज निकालने लगी- आंह … मैं तो गयी आंह आह!

वो ये बोलकर मेरे बदन पर निढाल होकर गिर पड़ी.
मेरा लौड़ा अब भी खड़ा था और मेरे लंड की प्यास अभी नहीं बुझी थी.

मैंने सिमरन को घोड़ी बनाया और उसकी चूत में लौड़ा घुसेड़ कर उसकी चुदाई शुरू कर दी.

मैं लंबे-लंबे धक्के लगा रहा था, शायद शराब ने मेरे चोदने के समय को बढ़ा दिया था और मैं उसकी चूत में लंबे लंबे धक्के लगा रहा था.

थोड़ी देर बाद वो भी धक्कों में मेरा साथ देने लगी.
मैंने भी धक्के लगाने की स्पीड बढ़ा दी.

उधर सिमरन की भी आहें बढ़ने लगी थीं.
शायद वो दोबारा झड़ने वाली थी.

उधर मेरे लौड़े का सुपारा भी फूलने लगा था. मैंने सिमरन से पूछा कि लंड का पानी कहां निकालूं?
इस पर सिमरन बोली- इस बार तो मेरी चूत में ही निकालो, पूरे एक महीने बाद चूत को लौड़े का पानी नसीब हुआ है. आज तुमने तो अब तक की मेरी सबसे मस्त चुदाई की है. काश तुम मेरी सील टूटने से पहले मिले होते तो तुमसे ही अपनी सील तुड़वाती.

खैर … कुछ और लंबे और तेज धक्कों के बाद में सिमरन की चूत में ही झड़ गया और ऐसे ही उस पर झुक गया.
मेरे लौड़े से भी काफी पानी निकला. शायद पिछले कई दिनों से फहीमा की चूत न चोदने के कारण स्टॉक इकट्ठा हो गया था.

मेरे लौड़े के ठंडा होने पर जैसे ही लंड बाहर आया … पक्क जैसी चूत से आवाज आई और उसकी चूत से मेरे लौड़े से निकला लावा बहने लगा.
सिमरन ने सीधे लेटते हुए चूत के पानी को अपनी उंगलियों में ले लिया और रस चाटने लगी.

मैं भी उसके साथ बारिश में ही नंगा लेट गया.
थोड़ी देर बाद हम दोनों उठाकर आंगन से अन्दर चले गए और एक दूसरे के बदन को पौंछने लगे.

हम दोनों बेडरूम में चले गए.
सिमरन ने कपड़े पहनने से मना कर दिया.
वैसे तो मैं कौन सा पहनना चाहता था, मुझे वैसे ही इतना शानदार बदन पूरी रात चोदने को मिल रहा था तो मौका क्यों छोड़ता.

सिमरन के बेडरूम में जाने पर थोड़ी देर सुस्ताने के बाद सिमरन मेरे लौड़े को हिलाने लगी.
थोड़ी देर उसके मस्त बदन की खुशबू और उसके गोरे हाथों के स्पर्श से लौड़ा अकड़ने लगा और कड़क हो गया.

उसने एक पैग और बनाया और मेरे लंड पर डाल कर शराब के साथ लंड चूसने की तैयारी करने लगी.

मुझे ये नया अनुभव हो रहा था.
उसी पल सिमरन ने तुरंत मेरे लौड़े को पकड़ा और उसको मुँह में लेकर चूसने लगी.

थोड़ी देर की चुसाई के बाद लौड़ा पूरी तरह से तैयार हो गया.

मैं भी उसके सिर को पकड़ कर अपने लौड़े पर उसके मुँह का दबाव बढ़ाने लगा.

शायद लौड़े के बड़े और मोटे होने के कारण पूरा अन्दर तक लेने में उसको तकलीफ हो रही थी.
मगर मैंने परवाह न करते हुए उसको न तो उसका मुँह हटाने दिया और न ही सिर का दबाव कम किया बल्कि तेजी से उसके सिर को मेरे लौड़े पर धक्के लगाने लगा.

थोड़ी देर बाद जैसे ही मैंने उसके सिर को हटाया तो वो जोर जोर से सांस लेती हुई मेरी ओर नाराजगी से देखकर बोली- समीर चोद रहे हो या मुझे मार ही डालोगे?

मैंने कहा- जानेमन, तुम्हें तो पूरी रात चोदना है … और हमारे पास तो अभी 2 रातें हैं.
वो- तभी तो कह रही हूँ, मुझे दो रातों तक चुदवाने लायक़ छोड़ोगे या एक रात में ही मेरी चूत का भोसड़ा बना दोगे!

मैं उसकी बात पर हंस दिया और वापिस उसको अपना लौड़े चुसाने लगा.

थोड़ी देर लंड चुसवाने के बाद मैं भी उसकी चूचियों को चूसने लगा और उसके चूचुक काटने लगा.
वो Xxx पंजाबी लड़की फिर से मस्त होने लगी.

इस बार मैंने उसकी चूत को अन्दर से भी खूब चाटा और उसकी चुसाई भी की.
उसकी चूत की फांकों को भी खूब चूसा, जिससे उसकी साफ की हुई चूत फिर से गीली हो गयी.

अबकी बार मैं अपने लौड़े के सुपारे को उसकी चूत के पास उसकी क्लिट पर रगड़ने लगा.
दोबारा गर्म होने और क्लिट की रगड़ाई से सिमरन फिर से आहें भरने लगी थी. चूत की क्लिट पर सुपारा रगड़ने से उसकी आहों की गहराई और आवाज भी बढ़ रही थी.

मुझे भी लग गया था कि सिमरन दूसरी चुदाई के लिए तैयार हो गयी है.

मैंने भी देर न करते हुई उसकी चूत पर अपना सुपारा रखा और पूरी ताकत से धक्का लगा दिया.
लंड के अचानक हमले से सिमरन की चीख निकल गयी और बोली- उई मां … आज क्या चूत को फाड़ ही दोगे, आराम से नहीं चोद सकते!

मगर मैं उसकी बात को अनसुना करते हुए लंबे-लंबे धक्के लगाने लगा.
उधर सिमरन शिकायत करने के बावजूद अपनी गांड उठा-उठा कर धक्के लगवा रही थी और लौड़े के धक्कों को पूरा अन्दर तक ले रही थी.

लगभग 10 मिनट कभी लंबे कभी तेज धक्कों के साथ बीत गए और मैंने लंड का पानी जल्दी ना आ जाए, इसलिए उसको वापस घोड़ी बनने को कह दिया.

वो कुतिया बन गई और मैंने पीछे से उसकी चूत में लंड घुसा दिया.
मैं फिर से धक्के मारने लगा.

इस बार मेरी नजर चूत चोदते हुए उसकी गोरी सी गांड के छोटे से छेद पर टिक गयी.
मैं अपनी उंगली पर ढेर सारा थूक लगा कर उसकी गांड में घुसेड़ने लगा.

इस हमले से वो उचकने लगी और बोली- गांड में नहीं, वहां मैंने अब तक लौड़ा नहीं लिया है और तुम्हारा लौड़ा बहुत मोटा है, मेरी गांड नहीं झेल पाएगी.
मैंने कहा- फहीमा भी ऐसे ही कहती थी मगर एक बार गांड मरवाने के बाद हर बार चुदने के बाद वो अपनी गांड जरूर मरवाती है. तुम भी मरवाया करोगी देखना, एक बार ले कर देखो.

मेरी बात सुनकर सिमरन में जोश आ गया.
मैंने भी मौके की नजाकत देखकर पास में रखी तेल की बोतल से उसकी गांड पर अच्छे से तेल लगा दिया.

एक-एक कर मेरी दो उंगलियां एक साथ गांड में जाने लगी. मैंने अपने लौड़े को चूत से निकाला और सुपारे को उसकी गांड के छेद पर रखकर बेरहमी से धक्का लगा दिया.
मैंने पूरा सुपारा अन्दर घुसा दिया.

सुपारा अन्दर जाते ही वो तड़पने लगी और बाहर निकालने की जिद करने लगी.
लेकिन मैंने उसकी एक नहीं सुनी क्योंकि मुझे पता था अगर मैंने लौड़े को निकाल लिया तो फिर ये गांड नहीं मारने देगी.

मैंने लौड़े को वहीं रोक दिया और उंगली से उसकी चूत की क्लिट को रगड़ने लगा. वहीं दूसरे हाथ से उसकी चूचि को एक एक करके दबाने लगा, जिससे उसमें चुदाई की प्यास बढ़ने लगी.
बस यही मौका देखकर मैंने पूरा जोर लगाकर दो तीन और धक्के कसकर मार दिए और लौड़े को जड़ तक बैठा दिया.

सिमरन लौड़े के पूरा अन्दर जाते ही सर इधर उधर पटकने लगी और रोने सी लगी.
मगर मैंने कोई रहम नहीं किया और धीरे धीरे गांड मारना शुरू कर दिया.

थोड़ी देर तक मैंने धक्कों की स्पीड धीमी ही रखी और उसकी चूचियों का मर्दन और क्लिट की रगड़न जारी रखी, जिससे थोड़ी देर में सिमरन भी चुदाई के लिए गर्म होने लगी.
वो अब गांड को पीछे करके धक्के लगाने लगी, मस्ताने लगी, आहें भरने लगी और बड़बड़ाने लगी- ओह समीर, चोदो … आज गांड मरवाने का पूरा मजा दो, अच्छा हुआ गांड का उद्घाटन तुम्हारे मोटे लौड़े से हुआ.

मैं भी उसकी गांड की चुदाई पूरी मस्ती से कर रहा था मगर मैं अभी झड़ना नहीं चाहता था इसलिए मैंने गांड से लौड़ा निकाल कर उसकी टपक रही चूत में डाल दिया और ऐसे छेद बदल बदल कर उसे चोदने लगा.

फिर सिमरन अचानक से बोली- अब मैं तुम्हें चोदूंगी.

मुझे चकित करती हुई उसने मुझे सीधा लिटा दिया और अपनी गांड के छेद को मेरे लौड़े पर लगा दिया.
थोड़ी तकलीफ के बाद पूरा लौड़ा अन्दर तक लेने के बाद वो लंड पर उछलने लगी.

थोड़ी बाद उसने भी छेद बदल कर अपनी चूत की भी चुदाई करवाने लगी.
दूसरी बारी होने और शराब के असर से ये चुदाई लंबी चली.

आखिर चुदाई करते करते मेरी नसें फूलने लगीं.
सिमरन को अहसास होते ही वो सामने लेट गयी और मेरे लौड़े को अपनी छाती के पास ले जाकर हाथों से लंड की मुठ मारने लगी.

मुठ मारने से मेरा पानी तुरंत आ गया और लंबी लंबी पिचकारी मारने लगा जो उसके मुँह से होती हुई छाती तक गिरने लगा.

Xxx पंजाबी लड़की सिमरन भी पूरी चुदक्कड़ थी … या कहूँ चुदाई का पूरा मजा लेने वाली लड़की थी.
वो मेरे लौड़े की एक हाथ से मुठ मारती हुई अपनी चूत को दूसरे हाथ से रगड़ती रही.

मेरे लौड़े से रस की धार का आनन्द लेने के बाद उसने सिर को झुका कर पूरा लंड मुँह में लेकर अच्छे से चूस लिया और एक भी बूंद बर्बाद नहीं होने दी.

इतने लंबी चुदाई के दौर के बाद थककर हम दोनों एक दूसरे की बांहों में नंगे ही सो गए.
मैं उसके घर पर अगली दो रातों तक रुका और इस दौरान उसके घर के लगभग सभी कोनों में हमने कर्ज चुकाने और वसूलने के लिए खूब चुदाई की.

ये चुदाई हम दोनों के लिए यादगार चुदाई रही और ऐसे ही इन दो रातों में मैंने उसका कर्ज चुकाने की कोशिश की.
उन दो रातों में कर्जदार से, कर्ज चुकाने वाला ज्यादा बेक़रार था.

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